दिल्ली हाईकोर्ट ने देसी बाइट्स स्नैक के खिलाफ ट्रेडमार्क विवाद में ब्रिटानिया (Britannia) इंडस्ट्रीज के पक्ष में फैसला सुनाया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने देसी बाइट्स स्नैक के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में ब्रिटानिया (Britannia) इंडस्ट्रीज के पक्ष में फैसला सुनाया और एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की। इसके अलावा, अदालत ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से सभी उल्लंघनकारी उत्पादों को हटाने का निर्देश दिया और कहा कि प्रतिवादी अपने उत्पादों का निर्माण और बिक्री जारी रख सकते हैं, बशर्ते कि वे GOOD DAY ट्रेडमार्क का उपयोग न करें।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने देसी बाइट्स स्नैक के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन के मामले में ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के पक्ष में एकपक्षीय अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की है । यह प्रतिवादी को ब्रिटानिया के ‘गुड डे’ ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटानिया ने दावा किया है कि उसका ट्रेडमार्क गुड डे 1986 से क्लास 30 के तहत पंजीकृत है और इसने बाजार में अपनी उपस्थिति स्थापित कर ली है। इसके अतिरिक्त, ब्रिटानिया की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि देसी बाइट्स स्नैक ने ट्रेडमार्क से जुड़ी साख का लाभ उठाने के लिए एक समान चिह्न का उपयोग किया।
मामला सोन पापड़ी और पापड़ जैसे उत्पादों के लिए इस चिह्न के अनधिकृत उपयोग पर भी केंद्रित है। इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार, FMCG दिग्गज ने अदालत में तर्क दिया कि ट्रेडमार्क के मूल्य में कमी को ठीक करने के लिए मौद्रिक मुआवज़ा पर्याप्त नहीं होगा।
दूसरी ओर, देसी बाइट्स स्नैक नोटिस दिए जाने के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुआ। ब्रिटानिया की दलीलों पर विचार करते हुए, मामले की अध्यक्षता कर रही न्यायमूर्ति मिनी पुष्करना ने ट्रेडमार्क की अच्छी तरह से स्थापित प्रतिष्ठा को स्वीकार किया। नतीजतन, हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि ब्रिटानिया ने उल्लंघन के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनाया था।
इसके अलावा, अदालत ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों से सभी उल्लंघनकारी उत्पादों को हटाने का निर्देश दिया और कहा कि प्रतिवादी अपने उत्पादों का निर्माण और बिक्री जारी रख सकते हैं, बशर्ते वे GOOD DAY ट्रेडमार्क का उपयोग करने से बचें।